भोपाल । मप्र सरकार के उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग ने पिट्टू खेल को अब कॉलेजों के खेलों में भी शामिल करने के आदेश जारी किए हैं। इस खेल को मप्र में आम बोलचाल में सितौलिया के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पिट्टू खेल को पुन: लोकप्रिय बनाने का उल्लेख मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं। इसके बाद से ही केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने इसके संबंध में अमल शुरू किया था। अब इस खेल को लेकर दोनों ही सरकारी विभागों ने आदेश जारी कर दिए हैं मप्र उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने आदेश जारी कर पिट्टू खेल को कॉलेज के खेलों में भी शामिल करने का कहा है। यह इतिहास में पहली बार होगा। पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से मांग की गई थी कि 12वीं तक राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके छात्र इसे कॉलेज में नहीं खेल पाते थे। ऐसे में छात्रों को इस प्राचीन व पारंपरिक खेल को मजबूरी में बीच में ही छोड़ना पड़ता था। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2022-23 में पहली बार पिट्टू को स्कूली खेलों में शामिल किया था। पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा तीन साल में सब जूनियर, जूनियर व सीनियर बालक व बालिका आयु वर्ग की छह चैंपियनशिप का आयोजन किया जा चुका है।
24 राज्यों के स्कूली बच्चे ही खेल पा रहे थे
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह खेल वर्तमान में देश के 24 राज्याें के लाखों बच्चों द्वारा खेला जा रहा है। कॉलेजों में शामिल होने के बाद इसमें भाग लेने वाले छात्रों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी। वहीं फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष हरिनारायण यादव ने बताया, उच्च शिक्षा विभाग ने 2024-25 के राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के कैलेंडर में इसे शामिल किया है। इसी के साथ राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने भी इस टीम खेल को अपने कैलेंडर में शामिल कर लिया है। पिट्टू को केंद्र सरकार के एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के नेशनल यूनिवर्सिटीज गेम्स में भी शामिल कर लिया गया है।
भगवान कृष्ण ने यमुना किनारे खेला था इसे
यह एकमात्र ऐसा खेल है जिसका उल्लेख लगभग पांच हजार साल पूर्व लिखी गई भगवद्गीता में है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा यमुना नदी के किनारे बाल सखाओं के साथ पिट्टू खेलने का वर्णन है। फेडरेशन का प्रयास है कि इस साल पिट्टू को खेलो इंडिया और नेशनल गेम्स में भी शामिल कराया जाए।
- गुलाब सिंह चौहान, प्रदेश सचिव, पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया