नीमच, जिले भर मंे कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के सख्त निर्देश पर सरकारी भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सालों से लंबित शिकायतों का तत्काल निराकरण कर उसमें मौके पर जाकर टीमें भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर रही है। इसी क्रम में सोमवार को राजस्व अमले ने जीरन तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम चल्दू में वहां के झोलाछाप डॉक्टर के कब्जे से 0.11 हैक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। उक्त भूमि पर अतिक्रमण कर वहां सालों से खेती की जा रही थी और पड़ोसी के खेत पर जाने सरकारी खुली भूमि का रास्ता बंद हो गया था। उसने शिकायत की तो फिर प्रशासन को यह कार्रवाई करना पड़ी।
जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर जीरन तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम चल्दू मेंे श्मशान के पास सर्वे नंबर 1589 पर सरकारी भूमि स्थित है। जहां करीब 0.11 हैक्टेयर पर गांव के निवासी घनश्याम शर्मा ने कब्जा कर लिया था। अपने खेत की सीमा से बाहर आकर सरकारी भूमि पर कब्जे करने से पड़ोसी खेत स्वामी विष्णु पंवार के आने-जाने का सरकारी खुली भूमि का रास्ता बंद हो गया था। चूंकि उक्त भूमि सरकारी होने से विष्णु पंवार ने उसकी शिकायत तहसीलदार जीरन को कर दी। जिन्हांेने प्रकरण में जांच उपरांत गत 21 मई 2024 को आदेश पारित कर अतिक्रमणकर्ता को निर्देशित किया था कि वह 7 दिन के भीतर अपना अवैध कब्जा हटा ले किंतु 6 माह बीतने के बाद भी उसने नहीं हटाया। सोमवार दोपहर राजस्व अमले की टीम गिरदावर योगेश चौपड़ा के नेतृत्व में मौजा पटवारी हिंमाशु तिवारी के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची ।
जहां अतिक्रमणकर्ता शर्मा ने उन्हें बताया कि उक्त मामले में सिविल कोर्ट से यथास्थिति मिली लेकिन टीम के अधिकारियों ने बताया कि वह तो खारीज हो गया और अन्य किसी अपर कोर्ट का स्टे आदेश नहीं मिला है। न ही शिकायतकर्ता उन्हें उपलब्ध करा सका। इसके बाद टीम ने शिकायतकर्ता विष्णु पंवार व अतिक्रमणकर्ता घनश्याम शर्मा के खेत से नपती कर धोरा सरकारी भूमि का क्षेत्रफल निकाला। इस दौरान उसमें भूमि के करीब 0.11 हैक्टेयर (करीब 500 मी. लंबे व 12 मीटर चौड़े) हिस्से में घनश्याम शर्मा द्वारा तार फेसिंग कर पत्थरों के पोल लगाकर कब्जा पाया गया। जिसे उन्होंने जेसीबी के मदद से उखाड़ दिया और कुछ मटेरियल अतिक्रमकर्ता के खेत की निजी भूमि तरफ कर दिया। इससे वहां सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त हो गई। यह कार्रवाई दोपहर 12.30 से 3 बजे तक चली। इस दौरान अतिक्रमण कर्ता व उसके परिवारजनों ने थोड़ा बहुत आक्रोश व विरोध भी जताया लेकिन अमले ने वरिð अधिकारियों के सख्त निर्देश होने से उनकी एक नहीं सुनी। ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त करा दिया।उक्त कार्रवाई का उन्हांेने मौका पंचनामा भी बनाया जो तहसीलदार को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही अतिक्रमण कर्ता को यह हिदायत दी कि अगर फिर से उक्त भूमि पर अतिक्रमण पाया गया तो पुलिस थाने में पर शिकायत कर अपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।